Wikipedia:Punto di vista neutrale: differenze tra le versioni

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सम्राट राजा रावण
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|file=Verificabilità e punto di vista neutrale (Common Craft)-it.ogv
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|descrizione=Rapida spiegazione dei concetti "Verificabilità" e "Punto di vista neutrale" (2 minuti 10 secondi, 4,6 MB)
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{{succo|Le voci non prendono posizione, ma illustrano senza pregiudizio ed equamente eventuali posizioni su un argomento, proporzionatamente al rilievo attribuito dalle [[WP:FA|fonti autorevoli]]. Ciò si applica sia a quello che si scrive (l'argomento in sé), sia a come lo si scrive (il modo).}}
Il '''punto di vista neutrale''' nella trattazione delle voci (spesso abbreviato in '''NPOV''', [[acronimo]] dell'espressione [[lingua inglese|inglese]] ''neutral point of view'')<ref>Più raramente si impiega l'acronimo PVN derivante dall'espressione in lingua italiana.</ref> è uno dei [[WP:5P|pilastri fondativi]] di [[Wikipedia]] sin dalla sua nascita, una regola indiscutibile e non derogabile, comune ad ogni edizione linguistica del progetto e a molti altri progetti [[meta:Neutral point of view/it|Wikimedia]]. Essa prevede che ogni argomento sia trattato presentando tutti i punti di vista rilevanti in maniera equa, proporzionata alla loro rilevanza e senza pregiudizi.
 
Nel gergo di Wikipedia, ci si riferisce all'assenza di punto di vista neutrale con gli acronimi '''POV''' e '''NNPOV'''.<ref>NNPOV sta per ''not neutral point of view'', ossia punto di vista non neutrale; POV invece significa semplicemente ''point of view'', con il sottinteso che si tratta di un punto di vista fra tanti. Più raramente si impiega l'acronimo PVnN che sta per "punto di vista non neutrale".</ref>
रावण के अस्तीत्व को खत्म करना याने आदिवासी संस्कृती खत्म करना जैसा है. सम्राट राजा रावण भारत देश का सबसे ऊँचा विद्वान राजा। अनार्य कुल में पैदा हुआ गोंड राजा था। रावण का पूरा नाम रावण व श्रव्य मळावी। मुळात रा याने वास्तव्य राऊजोनेर व याने वेरेन्दु और न याने नरेंदर कुछ इसी तरह मिलकर रावण अर्थ पुरा नाम हुआ और दुसरा अर्थ रा+वन वास्तव्य रा याने ताड का पेड वन याने जंगल सही मतलब ताड का जंगल (संदर्भासाठी एल.के.मंडावा) (पताना) यह किताब पढकर अब आपके दिल मे प्रश्न उठता है रावण को बदमाश कुकर्मी राजा कहलाया लेकीन रावण की पुरी जानकारी रखनेवाले आदिवासी साहीत्यीक बोलते है की रावण गोंड समाज का सबसे विद्वान सम्राट राजा था. रावण गोंड समाज का था। यह कई विद्वान साहित्यकारोंने लिखा था. आज उन्हीं किताबोंका अभ्यास करके और समाज के नियमों तथा संस्कृती के कई पुरावे मिलनेपर साबित होता है, कि राजा रावण अपनाही खून है। अब तक रावण गोंड समाज की थी यह सिद्ध हुआ। अब बारी है वह कौनसे कुलका था। या मडावी कैसे हुआ. पहाँदी पारी कुंपार लिंगोने 750 गोत्र का निर्माण कर उन सभी समाज के पुरुषों का एक एक पशु-पक्षी और पेड संभालने की पुरी जिम्मेदारी दी थी। उसी के आधार पर उनके नाम रखे हुए है, कोई भलावी तो कोई नैताम, सुरपाम, टेकाम, धुर्वे, आत्राम, केराम, पंधरे ऐसे 750 गोत्र थे । यह समाज व्यवस्था सही चलाने के लिये एक मुखीया की जरूरत होती है. वह पुरी जिम्मेदारी उठाने के लिये तैयारी रखता है। उसे ही राजा कहलाते है, जो शक्तीशाली, बलवान होता है वह राजा कहलाता है। ऐसे कई गोंड राजा थे लेकीन सम्राट राजा रावण इनमेंसे सबसे बड़ा राजा था. क्योंकि वेही सिंहस्थ करस्थ थे. उस समय पेड़ो में सबसे ताड का पेड होता है, पक्षियों में सबसे ऊँचा उडने वाला गरुड होता है और पशुआ सबसे ताकतवर सिंह होता है। यह सब रावण के गोत्र मे शामिल थे। इसीलिए सिंहस्थ शक्तीशाली कहलाता है। अपनी निशानी सिंहासनपर लगाकर रखते थे और उस सिंहासनपर बैठनेवाला राज्य करनेवाला या उनको संभालनेवाला उसीसेही बढ़कर होता है । रावण यह गौराक्ष (पुलस्थ) सिंहस्थ कुल का राजा था और उन्हींके कुल के पुरे वंशज सिंहस्थ कुल के थे । जैसे- गौराक्ष गौमंडाई-भुगर्वही-पुलस्त-विश्राव्य रावण -मेघनाथ- अक्षय गौराक्ष मडावी कुल का था जब रावण का बाप गोंड है । उसका गोत्र मडावी है। उसका आजा गोंड है तो पोता कौन रहेगा। कई ब्राह्मण पंडीतोने राजा रावण को ब्राह्मण कहलाकर झुठा इतिहास रचाया मगर आज पुरे पुरावे के साथ साबीत हुआ रावण वह अनार्य कुल का राजा था। वह गोंड समाज का था. समाज के साथ साथ गैर आदिवासी में रावण को गोंड सम्राट राजा रावण मानते है। आज भी मध्यप्रदेश में मंडला कुल के लोग खुद को रावण वंशीय मानकर अभी भी राजे कहलाते है । जैसे संग्राम शाह के पूर्वज और विरनारायण तक राज्य गोंडवना का शासन था। उनपर शासन चलानेवाले गोंड राजे मडावी ही थे। आज गैर आदिवासी भी इस बातपर रा विश्वास कर रहे हैं. उत्तर भी सच्चाई दिखाई देती है । ब्राह्मणों की लिखी हुईथा। (वाल्मीकी रामायण उत्तरकांड सर्ग 42 श्लोक 17 से 22 अब इतने ग्रंथ कितावे लिखी होने के बावजूद कोर्ट से सच लिखाण लिखने की अनुमती मिली । यह सच हुआ कि सम्राट राजा रावण गोंड समाज का था तो हम आदिवासी राम को अपने घरमे बेफजुल देव बनाकर क्यो पोस रहे हो। हमारा सही भगवान रावण लिंगो शीव है। फिर हम उनकी पूजा अर्चना क्यों नहीं करते।) यह तो हमारा हक है. ब्राह्मणोंने रावण को गलत बताकर हमारे ही लागों को धार्मिक गुलाम बनाकर उनकेही हातो से रावण जैसे महात्मा को मारकर उनके पुतले उन्हीके हात से जलाने का षडयंत्र रचते है। अब तो यही ब्राह्मण निती आदिवासीयोंको हिंदु बताकर उनका अधिकार छिनकर उनका अस्तित्व खत्म करना चाहती है। इसी लिये वे समाज के जो कुछ गद्दार लोगोकां साथ लेकर ऐसी रणनिती चला रहे हैं। हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने भी जरा सोचना चाहिए की हमारे कुलमे रावण इतने पवित्र महापुरुष योद्धा होकर ब्राह्मण जैसे लोगों ने कलंक लगाकर उन्हें बदनाम किया। और राम इतना बदमाश खुनी, भगोडा, स्त्रीहत्यारा, भ्याड, छुपकर वार करनेवाला कपटी होने के बावजूद भी उन्हें देव बना दिया। यह सब Shot अभी भी आदिवासीयों ने समझना चाहिये.
इसीलिए रावण को मत जलाओ ।
 
== Il concetto ==